अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। उससे पहले उद्यमी विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के दावेदार के रूप में सामने आएं हैं। रामास्वामी के माता-पिता भारतीय मूल के हैं और वह चुनावों में लगातार बढ़त हासिल कर रहे हैं। हालांकि, सिनसिनाटी में जन्मे हेज फंड फाइनेंसर रामास्वामी की राह इतनी सरल नहीं थी। उन्हें आगे बढ़ता देख रिपब्लिकन कार्यकर्ता धर्म का एंगल भी ले आए हैं। कार्यकर्ताओं में किसी हिंदू के जीओपी नामांकन हासिल करने की संभावना से बेचैनी है।
वहीं आलोचकों ने रामास्वामी की धार्मिक मान्यताओं पर सवाल भी उठाए हैं। उनका दावा है कि भगवान, रामास्वामी से उनके हिंदू होने के कारण ‘नफरत’ करते हैं। इससे रिपब्लिकन पार्टी के भीतर चर्चाएं गर्म हो गई हैं। अमेरिका का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है और इसके मुताबिक उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी धार्मिक संबद्धता के बजाय उनकी योग्यता और नीतिगत पदों के आधार पर करना जरूरी है।
चुनावों में रामास्वामी की बढ़त ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उनकी लोकप्रियता ने पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस, ट्रंप प्रशासन की पूर्व अधिकारी निक्की हेली और सीनेटर टिम स्कॉट को भी पीछे छोड़ दिया है। शीर्ष तीन पर उनकी मौजूदगी ने राजनीति में धर्म की भूमिका पर बहस तेज कर दी है।