नमक हमारे दैनिक आहार का प्रमुख हिस्सा है, इससे सोडियम और आयोडीन जैसे शरीर के लिए अतिआवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो शरीर को ठीक से कार्य करने के लिए जरूरी है। हालांकि एक हालिया अध्ययन में बड़ा दावा किया गया है कि भारत में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर टॉप ब्रॉन्ड के नमक में बहुत हानिकारक तत्व हो सकते हैं।
अमेरिकी प्रयोगशाला की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेचे जाने वाले प्रोसेस्ड आयोडीन युक्त नमक के प्रीमियम ब्रांडों में कथित तौर पर कार्सिनोजेनिक और पोटेशियम फेरोसाइनाइड जैसे हानिकारक घटक हो सकते हैं। ये सेहत के लिए इतने खतरनाक हो सकते हैं कि अगर लंबे समय तक इनका सेवन किया जाता रहे तो इसके कारण कैंसर तक का भी खतरा हो सकता है। नमक में प्राकृतिक रूप से पहले से मौजूद आयोडीन को दोबारा कृत्रिम रूप से भी मिलाया जाता है, जिससे यह जहरीली हो सकती है। अग्रणी कंपनियां आयोडीन और साइनाइड जैसे खतरनाक रसायनों से भरे औद्योगिक कचरे को दोबारा पैक कर रही हैं।
टाटा साल्ट ब्रांड बनाने वाली टाटा केमिकल्स ने बुधवार को कहा कि उसका नमक उपयोग के लिए “सुरक्षित और हानिरहित” है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अनुमत स्तर सबसे कम 10 मिलीग्राम/किग्रा है। पोटेशियम फेरोसायनाइड को 14 मिलीग्राम/किग्रा के स्तर पर उपभोग के लिए सुरक्षित घोषित किया है। भारतीय नमक बिक्रेताओं का दावा है कि उनके ब्रॉन्ड, पोटेशियम फेरोसायनाइड की सुरक्षित मात्रा को प्रयोग में ला रहे हैं।