प्रवासी भारतीयों की संस्था- एफआईआईडीएस ने 10 लाख से अधिक अफगानों को पाकिस्तान से निर्वासित किए जाने की निंदा के साथ अफगानों को निकालने जाने की प्रक्रिया रोकने का भी आग्रह किया है। प्रवासियों की संस्था- FIIDS में रणनीति और नीति प्रमुख खंडेराव कांड ने कहा, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान, क्रूर तालिबानी शासन के दबाव में भागे अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित कर रहा है।
इससे बड़े पैमाने पर मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा, ओसामा बिन लादेन के समय से ही यह पता था कि पाकिस्तान तालिबान के साथ मिलकर काम करता था क्योंकि वह अफगानिस्तान पर पकड़ बनाने का छद्म रूप है। एफआईआईडीएस ने कहा कि पाक अफगान शरणार्थियों के साथ वही सब करने की कोशिश कर रहा है जो उसने 1947 में अपने अल्पसंख्यक हिंदू और सिख नागरिकों के साथ किया था।
नीति प्रमुख खंडेराव कांड ने कहा कि निर्वासन जैसी गंभीर समस्या को लेकर हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसकी निंदा करने और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करते हैं। संस्था ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को दी जा रही किसी भी वित्तीय और सैन्य सहायता को रोकने का आह्वान किया है।