चांद की दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इस सफल लैंडिंग के लिए मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पहले इस मिशन में योगदान देने वालों का धन्यवाद किया। इसके अलावा एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में बताया और चंद्रयान के बाद अन्य परीक्षणों के बारे में भी बात की।
चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया। इसके साथ ही चांद पर कदम रखने वाला भारत चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर अपने कदम रख चुके हैं। उन्होंने कहा, प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण है और ये दोनों ही चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं। इसके अलावा चांद के सतह पर भी चक्कर लगाएगा। हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे जो हमारे लिए भविष्य के अन्वेषणों के लिए महत्वपूर्ण है।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि इसके बाद अब सूर्य के लिए आदित्य मिशन को सितंबर में लॉन्च होने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे और गगनयान पर भी काम चल रहा है।