मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खारे पानी वाले क्षेत्रों में 1 लाख एकड़ लवणीय भूमि के सुधार करने का लक्ष्य रखा है।
कृषि विभाग केंद्रीय लवणीय मृदा सुधार संस्थान के साथ मिलकर काम करेगा और तीन महीने में कार्य योजना को अंतिम रूप देगा। इस कार्य के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। यदि सब्सिडी का प्रावधान करना होगा तो वह भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना का राज्य के 14 जिलों में विस्तार करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। पहले चरण में पंचवर्षीय योजना के तहत 700 करोड़ों का बजट मिला था। दूसरे चरण में भी विश्व बैंक लगभग 700 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा। इससे राज्य का जल भराव का 90 प्रतिशत क्षेत्र कवर हो जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत 250 से अधिक शहरी तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
हरियाणा सरकार पानी के सदुपयोग और इसकी बचत को लेकर कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसी दिशा में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई क्षेत्र अब 73,000 एकड़ से बढ़कर 2 लाख एकड़ होगा। इससे 218 एमसीएम भू-जल की बचत होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले दो वर्षों में 9500 से अधिक जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इनमें 5308 तालाब, 63 चैक डैम, 81 उथले ट्यूबवेल और 4000 रिचार्ज बोरवेल शामिल हैं। मुख्यमंत्री पंचकूला में ‘अमृत जल क्रांति’ के अंतर्गत हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित 2 दिवसीय जल संगोष्ठी के समापन सत्र में बोल रहे थे। मनोहर लाल ने कहा, ‘प्राकृतिक खेती क्षेत्र को 6,000 एकड़ से 25 हजार एकड़ किया जाएगा। इससे पानी तो बचेगा ही, मिट्टी भी उर्वरा होगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में कृषि क्षेत्र में पानी की 50 प्रतिशत मांग को एसटीपी के ट्रीटेड वेस्ट वाटर द्वारा पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, कृषि की जरूरतों के लिए 75 एसटीपी के पानी का उपयोग किया जाएगा। सीएम ने कहा कि औद्योगिक जगत की पानी की मांग की पूर्ति के लिए आईएमटी सोहना, आईएमटी खरखौदा और ग्लोबल सिटी गुरुग्राम में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज लागू करेंगे। उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र में भी बढ़ोतरी की घोषणा की।