अगर आपके रोजाना सोने जागने का समय ठीक नहीं है तो इसका पाचन स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अनियमित नींद का पैटर्न आपके पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा देने वाला हो सकता है। इस प्रकार के बैक्टीरिया न सिर्फ पाचन स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं, साथ ही गुड बैक्टीरिया पर को भी ये कम करने वाले हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सोने और जागने के समय में 90 मिनट का अंतर भी माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकता है, जिसके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इससे पहले के अध्ययनों में अनियमित स्लीप साइकिल को सेहत के लिए कई प्रकार की समस्याओं का कारण पाया गया था। इस अध्ययन में पेट की समस्याओं को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। नींद की कमी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है।
किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध अनुसार, इस बारे में जागरूकता कम है कि सोने के पैटर्न में छोटी-छोटी विसंगतियों भी शरीर की जैविक लय प्रभावित कर सकती हैं। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि नींद की कमी आंतों में बैड माइक्रोबायोम को बढ़ाने वाली हो सकती है। अध्ययन में पाया गया कि खराब आहार गुणवत्ता, मोटापे और कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य के कारण दिल का दौरा, स्ट्रोक और मधुमेह का खतरा हो सकता है। आंतों में गुड बैक्टीरिया की कमी के कारण पाचन स्वास्थ्य बिगड़ जाता है जिससे इन बीमारियों के बढ़ने का खतरा हो सकता है।