राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में जोहानिसबर्ग में ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक में भाग लेते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने साफ किया है कि विध्वंसकारी तकनीकों के साथ एआई का उपयोग साइबर खतरों की गंभीरता को बढ़ा सकता है। यह खुलासा देश की सुरक्षा के लिए एक चिंता का विषय है, जो आगामी समय में हमें सावधान रहने के लिए प्रेरित करता है।
एआई और साइबर सुरक्षा: संबंध और चुनौतियाँ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई विज्ञान और तकनीक का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो मानवता के लिए अनेक संभावनाएं खोलता है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है, जैसे विश्वसनीयता जाँच, स्वचालित वाहन, समय-समय पर संबंधित सुझावों के साथ ग्राहक सेवा, आदि। हालांकि, इसमें भी विभिन्न चुनौतियाँ हैं, और यही अजीत डोभाल की भी चिंता है।
1. बढ़ते साइबर अपघात: एआई के प्रयोग के साथ, साइबर अपघातों का खतरा भी बढ़ जाता है। कंप्यूटर और संबंधित सिस्टमों को हैक करने की कोशिश एक नई चुनौती है, जिसमें अनाधिकृत उपयोगकर्ता संदेहास्पद और क्षमताओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
2. गोपनीयता की समस्या: एआई के उपयोग से संगठन और सरकारी विभागों में बड़ी मात्रा में डेटा का इस्तेमाल हो रहा है। यह डेटा अक्सर व्यक्तिगत और गोपनीयता से जुड़ा होता है, और इसका गलत उपयोग गंभीर संभावना होती है। इसमें अजीत डोभाल ने सावधानी व्यक्त की है और अधिक सुरक्षा प्रोटोकॉल्स के बारे में बात की है।