किसी भी गमले या गमले से जमीन में पौधों को शिफ्ट करना अक्सर मुश्किल भरा होता है, क्योंकि कई बार पौधे सूख जाते हैं। लेकिन मौसम बरसात का हो, तो फिर कोई दिक्कत नहीं। कई पौधों को छोटे गमले या स्थान से हटाकर बड़े गमले, क्यारी या बगीचे में लगाना बहुत जरूरी होता है। जिस प्रकार हम अपने किचन या टेरेस गार्डन में छोटे-छोटे गमलों में बीज या पौधे लगाते हैं, उस गमले या स्थान से बड़े हो गए पौधों को किसी दूसरे स्थान पर ट्रांसफर यानी री-पॉटिंग करना भी उतना ही जरूरी होता है।
इसके लिए वर्षा ऋतु, शरद ऋतु की शुरुआत में और वसंत ऋतु, तीनों मौसम अच्छे माने गए हैं। 15 जुलाई के बाद पूरे अगस्त, फिर अक्तूबर और उसके बाद फरवरी माह में यह कार्य अच्छी सफलता देता है। री-पॉटिंग करते समय पौधों को गमले से निकालने से पहले न्यूट्रिएंट्स के घोल से नहलाया जाता है। फिर गमले से मिट्टी को निकाला जाता है। मिट्टी में कार्बनिक खादों को मिलाने के बाद हल्के हाथ से बड़े गमले में भरकर दबाया जाता है।
यदि आपके पौधे का आकार अत्यधिक बड़ा हो गया है तो उसकी कटाई-छंटाई करने के कुछ दिन बाद ही री-पॉटिंग का कार्य करें, जिससे जड़ों पर कम भार पड़े और पौधे की बढ़वार ट्रांसप्लांटिंग शॉक के बाद तेजी से शुरू हो सके। मौसम में नमी, जैसे बरसात के दिनों या अक्तूबर एवं फरवरी माह में री-पॉटिंग का कार्य करने से पौधों में किसी प्रकार की समस्या नहीं आती है।