जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान से न सिर्फ इंसान बल्कि बड़े शिकारी जीव भी सुरक्षित नहीं है। बढ़ते तापमान के चलते बड़ी बिल्लियां अपने शिकार का समय सुबह या दिन की जगह शाम या रात के समय शिफ्ट कर रही हैं। इसकी वजह से चीतों, शेर एवं तेंदुओं जैसे जीवों के बीच संघर्ष की आशंका बढ़ सकती है।
चीते आमतौर पर दिन के समय शिकार करना पसंद करते हैं। इस तरह उनके और दूसरे बड़े शिकारियों के बीच शिकार को लेकर होने वाली मुठभेड़ का खतरा कम हो जाता है, लेकिन अब इस समयसारणी में बदलाव हो रहा है। शोध के अनुसार चीते केवल ताजा मांस खाते हैं। वहीं शेर और तेंदुए जैसे शिकारी खुद शिकार करने के साथ-साथ मौकापरस्त भी होते हैं, जो चीते जैसे दूसरे शिकारियों से मौका मिलने पर उनका शिकार छीन लेते हैं।
चीतों को जलवायु परिवर्तन, मनुष्यों द्वारा शिकार और निवास स्थान के विनाश के कारण विलुप्त होने के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आबादी का आकार कम हो रहा है। अपने इस बहुआयामी अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चीता, शेर, तेंदुए और अफ्रीकी जंगली कुत्तों जैसे 53 बड़े शिकारियों पर जीपीएस ट्रैकर लगाए थे। शोधकर्ताओं का दावा है कि एकांत प्रिय चीते अब दिन की वजह रात में ज्यादा शिकार करने लगे हैं।