ATS की पूछताछ के सवाल पर सीमा ने कहा- वहां बड़े लोग थे। इसलिए सारे सवाल भी बड़े थे। 6 पासपोर्ट में चार बच्चों के, एक पासपोर्ट खारिज हो चुका है। अगर मेरे मन में चोर होता, तो मैं उसे फेंक देती। मैंने कोई फर्जी पासपोर्ट नहीं बनाया। जिंदगी में क्या-क्या हुआ, मेरे बचपन से लेकर अब तक सारी जानकारी ATS ने ली।
सीमा हैदर… जासूस है या नहीं, ATS की दो दिनों की पूछताछ में इसका कोई भी सबूत हाथ नहीं लगा है। ऐसे में अब उसे पाकिस्तान भेजने की तैयारी है। क्योंकि सीमा पर जो आरोप है, वह अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ का है।
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इस तरह के मामलों में 5 से 7 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की बजाय आरोपी को उसके देश वापस भेजा जाता है। अगर सीमा को वापस भेजा गया तो पाकिस्तान में वहां के लॉ के हिसाब से उस पर कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस केस में बढ़ा सकती है धारा
उधर, नोएडा पुलिस कोर्ट में चार्जशीट लगाने के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है। पुलिस के पास मुकदमा दर्ज होने के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 दिन का समय है। यूपी पुलिस एटीएस रिपोर्ट के आधार पर धाराओं में इजाफा कर सकती है।
पुलिस ने पहले सीमा हैदर पर फॉरनर्स एक्ट सेक्शन-14 और 120-बी लगाया था। इन धाराओं में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। इसलिए कोर्ट से सीमा और सचिन को आसानी से जमानत मिल गई। लेकिन अब इनकी धाराओं में 420, 468 और 471 की बढ़ोतरी की जा सकती है।
इसमें सात साल की सजा है। ऐसे में उसे जमानत भी नहीं मिल सकेगी। सीमा पाकिस्तान भेजी जाएगी या यहीं पर केस चलेगा, इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के वकील इरफान फिरदौस से बातचीत की।
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील इरफान फिरदौस ने बताया कि भारतीय कानून के तहत देखें तो सीमा हैदर एक अवैध प्रवासी है। अवैध प्रवासी वह होता है जो बिना लीगल डॉक्यूमेंट्स जैसे पासपोर्ट और वीजा के देश में प्रवेश करता है। इन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती है।
सीमा पर फॉरनर्स एक्ट 1946 के सेक्शन 14 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। ऐसे में डिपोर्ट करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।