US Tariffs का India की Economy पर असर
India और US के बीच Trade Relation हमेशा से ही global economy के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। लेकिन हाल ही में US द्वारा 50% Tariffs लगाने के बाद India की economy पर इसके शुरुआती असर दिखने लगे हैं।
HSBC survey के आंकड़ों के अनुसार, Manufacturing PMI अगस्त में 59.3 से घटकर सितंबर में 58.5 पर आ गया है। इसी तरह Services PMI भी 62.9 से गिरकर 61.6 पर पहुंचा है। हालांकि ये आंकड़े अभी भी 50 से ऊपर हैं, जिसका मतलब है कि economic activity में expansion जारी है, लेकिन growth की speed कम हो गई है।
Export पर सीधा दबाव
US Tariffs की वजह से सबसे ज्यादा असर Export Orders पर दिख रहा है। HSBC की Chief India Economist Pranjul Bhandari के मुताबिक, अगस्त और सितंबर में new export orders की growth धीमी हुई है। खासतौर पर US market पर ज्यादा निर्भर industries जैसे टेक्सटाइल और इंजीनियरिंग सेक्टर पर दबाव बढ़ रहा है।
Domestic Demand ने दी थोड़ी राहत
हालांकि Export में गिरावट दिख रही है, लेकिन Domestic Demand अभी भी मजबूत बनी हुई है। Government ने हाल ही में GST में कटौती की है, जिससे everyday use items सस्ते हुए हैं और consumer sentiment बेहतर हुआ है। इसका असर orders में देखा जा रहा है।
Government की Strategy
US Tariffs से हुए नुकसान को कम करने के लिए Government कई steps ले रही है। Exporters को support देने की planning हो रही है और domestic market को boost करने के लिए tax relief जैसे measures लागू किए जा रहे हैं। Experts का मानना है कि अगर ये कदम समय पर और सही तरीके से लागू हुए तो India अपनी GDP Growth (6.3%-6.8% अनुमानित) को बनाए रख सकता है।
Global Trade War की चिंता
ये मामला केवल India और US तक सीमित नहीं है। Analysts का कहना है कि अगर US अपने Tariffs policy को और countries पर भी लागू करता है तो Global Trade War का खतरा बढ़ सकता है। इससे न सिर्फ Export sector बल्कि Employment और Investment पर भी असर पड़ेगा।
US Tariffs ने India की economy को slowdown की ओर धकेलना शुरू कर दिया है। Export sector पर दबाव है, लेकिन Domestic Demand अभी सहारा दे रही है। आने वाले महीनों में PMI और Trade Data यह बताएंगे कि India इस challenge को कैसे handle करता है।