सरकार व सीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों की क्लर्क एसोसिएशन के शिष्टमंडल के साथ शुक्रवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही।क्लर्क संघ अपनी मांगों पर पीछे नहीं हटा और सरकार के अधिकारियों ने पेशकश को नकार दिया। इसके कारण लिपिक स्टाफ 5 जुलाई से हड़ताल पर हैं। उनकी मांग में सहायक, उपाधीक्षक और अधीक्षक भी शामिल हैं। इस लड़ाई में भारतीय मजदूर संघ भी समर्थन प्रदान कर रहा है।
इस विवाद के चलते दो बार वार्ता होने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार ने बुधवार को फिर से बैठक करने की बात कही है। प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों को डाटा प्रस्तुत किया है जिसमें वे 35,400 रुपये बेसिक-पे की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इस मांग को नकारा और कहा है कि इससे प्रदेश पर सालाना एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा। वहीं एसोसिएशन के अनुसार सरकार पर सालाना करीब 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त का बोझ पड़ेगा।
इस मुद्दे का समाधान नहीं मिलने के कारण लिपिक स्टाफ ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है और शनिवार से सभी जिला मुख्यालयों पर पांच-पांच कर्मचारी भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल थे जो 35,400 रुपये बेसिक-पे की मांग कर रहे हैं।
यहां तक कि बुधवार को एक बार फिर बातचीत करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। इसके बाद एसोसिएशन ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।इस विवाद के चलते सरकार और चीफ मिनिस्टर के वरिष्ठ अधिकारियों की कोशिशें समस्या का समाधान करने की दिख रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सम्मान्य परिणाम नहीं हुआ है।