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दिल्ली चुनाव तिथियां: 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को मतगणना, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दी जानकारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 फरवरी को एक ही चरण में संपन्न होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने बताया कि मतगणना 8 फरवरी को होगी और उसी दिन चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

2025 का यह पहला बड़ा चुनाव है, और इसके साथ ही दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। तिथियों की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है। यह आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए लागू की जाती है।

चुनाव का महत्व

दिल्ली विधानसभा चुनाव हमेशा से ही राजनीतिक दृष्टि से अहम रहे हैं। यह चुनाव न केवल दिल्ली की जनता के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस के बीच होने वाली इस मुकाबले पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।

पिछले कुछ समय से दिल्ली में चुनावी माहौल जोर पकड़ रहा है। तीनों प्रमुख पार्टियां जोर-शोर से अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं। एक तरफ, आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने कामों का बखान करते हुए जनता से समर्थन मांगा है, वहीं दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी चुनावी रैलियों और अभियानों के जरिए जनता को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है।

चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत विवरण

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली चुनाव के लिए अधिसूचना 10 जनवरी को जारी की जाएगी। इस दिन से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

  • नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 17 जनवरी
  • नामांकन की जांच: 18 जनवरी
  • नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि: 20 जनवरी
  • मतदान की तिथि: 5 फरवरी
  • मतगणना की तिथि: 8 फरवरी

इस कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया समय पर और सुचारु रूप से संपन्न हो।

मतदाताओं के आंकड़े

दिल्ली में कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 83,49,645 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 71,73,952 है। इसके अलावा, 1,261 थर्ड जेंडर मतदाता भी सूची में शामिल हैं।

दिल्ली में 24,44,320 वरिष्ठ नागरिक मतदाता हैं, जिनमें 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,77,221 लोग शामिल हैं। चुनाव आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करने की योजना बनाई है, ताकि वे आसानी से मतदान कर सकें।

आचार संहिता का महत्व

चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता के तहत सरकार द्वारा किसी नई योजना की घोषणा, बड़े पैमाने पर तबादले, और ऐसी किसी भी गतिविधि पर रोक लगाई जाती है, जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है।

आयोग ने कहा है कि सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार इस आचार संहिता का पालन करेंगे। किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

तीनों प्रमुख पार्टियों की रणनीति

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी, भाजपा, और कांग्रेस मुख्य दावेदार हैं।

आम आदमी पार्टी (AAP)

आप पार्टी, जो पिछले दो कार्यकाल से सत्ता में है, अपने कामकाज को लेकर जनता के बीच जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली-पानी के क्षेत्र में किए गए सुधारों को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा है कि यह चुनाव जनता के विश्वास का है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP)

भाजपा ने इस चुनाव को केंद्र सरकार के कामों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर जनमत संग्रह के रूप में प्रस्तुत किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि दिल्ली को “डबल इंजन सरकार” की जरूरत है, जिसमें केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार हो।

कांग्रेस

कांग्रेस, जो पिछले कुछ चुनावों में कमजोर रही है, इस बार अपने पुराने मजबूत गढ़ों को फिर से पाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने अपने प्रचार अभियान में युवाओं और महिलाओं को खास जगह दी है।

चुनाव में तकनीकी का उपयोग

चुनाव आयोग ने इस बार तकनीकी का व्यापक उपयोग करने की योजना बनाई है। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, वोटिंग प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का उपयोग किया जाएगा।

चुनाव से जुड़े मुद्दे

इस बार के चुनाव में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, पर्यावरण, और रोजगार जैसे मुद्दे मुख्य रूप से चर्चा में हैं। इन विषयों पर राजनीतिक दल अपने-अपने वादों और घोषणाओं के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

जनता की भूमिका

चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है, और इसमें जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें और सही उम्मीदवार को चुनकर दिल्ली के भविष्य को बेहतर बनाएं।

निष्कर्ष

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस चुनाव के परिणाम न केवल दिल्ली बल्कि देश की राजनीति पर भी असर डाल सकते हैं। तीनों प्रमुख पार्टियां अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। अब देखना यह है कि जनता किसे अपना समर्थन देती है।

मतदान और मतगणना की तिथियों के साथ दिल्ली अब पूरी तरह चुनावी माहौल में आ चुकी है। आने वाले हफ्तों में प्रचार अभियान और तेज होंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि किसकी रणनीति सफल होती है।

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