नई दिल्ली: भारत द्वारा सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोक दिया, तो पाकिस्तान "परमाणु बम का इस्तेमाल" करेगा। यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, जो पहले ही कई मुद्दों पर उलझे हुए हैं।
भारत द्वारा इस संधि के निलंबन के बाद पाकिस्तान की सरकार ने वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि यह कदम एक असहमति से कहीं अधिक है, और अगर भारत अपनी कार्रवाई से नहीं रुकता, तो पाकिस्तान परमाणु बम का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो सकता है। उनके अनुसार, यह एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा बन चुका है, जिसका सामना पाकिस्तान को करना पड़ सकता है।
क्या भारत की कार्रवाई से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है?
इस नए घटनाक्रम से भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच सीमा पर तनाव और बढ़ गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर संघर्षविराम उल्लंघन का आरोप लगाया है, और पाकिस्तानी मीडिया में यह बात जोर-शोर से चल रही है कि पाकिस्तान परमाणु बम का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच युद्ध का जोखिम हमेशा बना रहता है, लेकिन परमाणु हमले की संभावना कम है, क्योंकि इससे दोनों देशों की पूरी तरह से तबाही हो सकती है।
भारत की सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि भारत अपनी जल सुरक्षा को लेकर गंभीर है और सिंधु जल संधि का पालन नहीं होने पर इसके खिलाफ कार्रवाई करने का हकदार है।
हालांकि, पाकिस्तान के परमाणु बम का इस्तेमाल करने की धमकी से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा में खतरा बढ़ सकता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तनाव और बढ़ सकता है। इस स्थिति पर वैश्विक समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं, जो इस संकट के समाधान के लिए हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
जैसे-जैसे यह विवाद बढ़ेगा, दुनिया की नजरें दोनों देशों के रुख पर होंगी, और यह देखना होगा कि क्या पाकिस्तान वास्तव में "परमाणु बम का इस्तेमाल" करेगा, जैसा कि उसने चेतावनी दी है।