BJP सांसद निशिकांत दुबे पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का खतरा मंडराया

Published on April 22, 2025 | 39 views

BJP सांसद निशिकांत दुबे पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का खतरा मंडराया

भारतीय राजनीति में एक नया तूफान तब आया जब BJP सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी कर दी। उन्होंने यह तक कह दिया कि यदि कानून सुप्रीम कोर्ट को ही बनाना है तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने CJI संजीव खन्ना को भारत में गृह युद्ध जैसी स्थिति के लिए जिम्मेदार तक ठहरा दिया।

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वकीलों की मांग और कानूनी पहलअब आगे क्या?

इस टिप्पणी के बाद कानूनी और राजनीतिक हलकों में भारी हड़कंप मच गया है। वकीलों ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि को पत्र लिखकर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है।

BJP सांसद निशिकांत दुबे

वकीलों की मांग और कानूनी पहल

वरिष्ठ अधिवक्ता अनस तनवीर और शिवकुमार त्रिपाठी ने 1971 के अदालत की अवमानना अधिनियम और 1975 के सुप्रीम कोर्ट रूल्स के तहत यह मांग की है। उनके अनुसार, BJP सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी “जानबूझकर अपमानजनक” है और इसका उद्देश्य भारत की सर्वोच्च अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाना है।

उनका तर्क है कि इस तरह की टिप्पणी न केवल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह जनता में न्यायपालिका के प्रति विश्वास को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

अब आगे क्या?

यह मामला भारतीय लोकतंत्र की नींव—न्यायपालिका और विधायिका—के बीच की सीमाओं को दर्शाता है। यदि अटॉर्नी जनरल इस याचिका को मंजूरी देते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट में BJP सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।

यह कार्यवाही न केवल एक महत्वपूर्ण कानूनी उदाहरण बन सकती है, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों को भी यह संदेश दे सकती है कि उनके भाषण और अभिव्यक्ति की भी एक सीमा है, विशेषकर जब वह देश की संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाते हैं।