सिरसा में 13 साल बाद जलस्तर 46 हजार का आंकड़ा छू गया है। इससे पहले 2010 में रानियां के फिरोजाबाद गांव में घग्गर टूटी थी, तब 40 किलोमीटर के एरिया में जलभराव हो गया था। तब घग्गर के पानी ने काफी तबाही मचाई थी और बणी गांव पूरी तरह से पानी में डूब गया था। घग्गर में मौजूदा समय में 46 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। आज शाम 6 बजे तक ओटू हैड पर 40675 क्यूसेक दर्ज किया गया। जबकि डाउन स्ट्रीम में 36675 क्यूसेक दर्ज किया गया।
सिरसा के चामल के पास रत्ताखेडा खरीफ चैनल का गेट पिछले 24 घंटे बाद भी नहीं ठीक हो सका। नया गेट बनाकर उसे चैनल में लगाने के लिए पानी में उतारा, लेकिन भारी भरकम गेट भी पानी में नीचे डूब गया। इससे पहले भी पानी का बहाव रोकने के लिए ग्रामीणों ने ट्राली पानी में फेंक दी थी, लेकिन पानी का बहाव नहीं रुका।
हालांकि कुछ समय बाद रंगोई नाले के किनारों से पानी का बहना शुरू हो गया। लेकिन लोगों ने स्थिति संभाल ली। रंगोई नाले से पानी ओवरफ्लो होकर नेशनल हाईवे नंबर 9 की सर्विस लेन तक पहुंच गया है।
वहीं डिंग में किसानों ने जाम लगा दिया। किसानों ने कहा कि रंगोई नाले में घग्गर का पानी आने से यह टूटने वाला है। ओल्ड कासनखेड़ा माइनर से पानी में रुकावट आ रही है, इसलिए इसे तोड़ा जाए, नहीं तो घग्गर टूटेगी, जिससे बड़ा नुकसान होगा।
सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर कम नहीं हो रहा। पिछले 12 घंटे में जलस्तर 4 हजार क्यूसेक बढ़ गया है। दूसरी ओर सिरसा में बुधवार को पौने 2 बजे के बाद बारिश शुरू हो गई। जिससे तटबंधों को मजबूत करने के कार्य में दिक्कतें आई और बारिश से लोगों की चिंता बढ़ गई। किसानों ने गांवों में अनाउंसमेंट करके नदी के तटबंधों पर पहुंचने की अपील की है। किसान गांव-गांव जाकर अपील कर रहे हैं।
घग्गर का पानी पंजाब के मानसा जिले के सरदूलगढ़ तहसील में घुस गया है। इस जलभराव के चलते शहर में हाईवे को बंद कर दिया गया है। सिरसा से मानसा जाने के लिए मुख्य मार्ग बंद किया हुआ है। जिस कारण लोग गांवों के रास्ते से पंजाब में एंट्री कर रहे हैं।